Monday, June 17, 2024

हिन्दी लघुकथा (अङ्क १३ मा प्रकाशित)

दूध के दाम

-सुरेंद्र कुमार अरोड़ा साहिबाबाद



" सर इन्होंने भयंकर घपला किया है । पर्याप्त सबूत भी हैं।" " ....................।" " अनुमति हो तो इनका केस भी ई. डी . को सौंप दिया जाय ।" " फाइल तैयार करके मेरी टेबल पर पहुंचा दीजिए ।" " सर इनके संबंध सरकार में हमारे सहयोगी दल से हैं ।" " मैने कहा न कि आज शाम तक फाइल मेरी टेबल पर पहुंचा जानी चाहिए ।" " सर वे लोग सरकार से समर्थन वापस ले सकते हैं ।" " आप प्लीज वो कीजिए , जो आपसे कहा गया है ।" " ठीक है सर ।" " जब तक फाइल टेबल पर पहुंचती , सारे खबरिया चैनलों पर खबर चल चुकी थी , सरकार अल्पमत में आ चुकी है क्योंकि सहयोगी दल का आरोप है कि सरकार महंगाई पर नियंत्रण नहीं कर पा रही है जबकि जनता महंगाई से त्रस्त है और सरकार ने दूध के दाम फिर से बढ़ा दिए हैं ।"

...साथ सहयोगको खाँचो

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