Monday, June 17, 2024

हिन्दी लघुकथा (अङ्क १३ मा प्रकाशित)

धंधा

- आलोक चोपड़ा लघुकथाकार, चोपड़ा हॉउस, धर्मशाला घाट,चौक पटना सिटी पटना 800008


मुफ्त पानी, मुफ्त यात्रा, मुफ्त पढ़ाई, और उस पर से हर घर पहुंचेगी मुफ्त बिजली। बिजली से जगमग होगी सड़कें। मुख्यमंत्री की घोषणा की खबर सुनते ही, प्रान्त के अपराधियों के मन में, एक खौफ पैदा हो गया।

दूसरे ही दिन अपराधियों का एक शिष्ठमण्डल मंत्री जी के आवास पर पहुंचा, और मिलते ही कहने लगा, मंत्री जी, इस बार हमलोग चुनाव में आपके लिए काम नहीं कर पाएंगे। मंत्री जी ने कहा कि तुम लोग इतने नाराज क्यों हो भाई? हमसे ऐसी कौन सी गलती हो गई है? जो हमसे इतनी खफा हो? मंत्री जी हमलोग यह क्या सुन रहे हैं, कि बिजली से जगमग होगी सड़के? यदि ऐसा हो गया, तो हमारा तो सारा धंधा ही चौपट हो जाएगा। हम तो भूखे मर जाएंगे। नेताजी ने कहा, तुम लोगों को नाराज होने की कोई जरूरत नहीं है। धीरे से (फुसफुसाते) हुए, देखो दो-चार महीने की ही तो बात है। इसे किसी तरह निकाल लो। मैं तुम लोगों से वादा करता हूं, कि चुनाव जीतने के दो चार महीने के बाद तुम लोगों का धंधा दोबारा पहले से भी ज्यादा अच्छा चलने लगेगा।

अपराधियों का शिष्ठमण्डल विजयी मुस्कान लिए लौट आया। चुनाव जीतने के बाद नेताजी ने किया गया वादा निभा दिया। बिजली फिर से गायब और अपराधियों का धंधा रात के अंधेरे में फिर से..…..........।


...साथ सहयोगको खाँचो

No comments:

Post a Comment